नई दिल्ली । आखिरकार सोमवार दोपहर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी-मार्क तृतीय प्रक्षेपण यान से अंतरिक्ष यान चंद्रयान-2 को लॉन्च किया गया । ये चांद तक जाने में 48 दिन का समय लगाए लगाएगा और चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद दो टुकड़ों में विभाजित हो जाएगा । इसमें जहां एक टुकड़ा चांद की कक्षा में ही रहेगा वहीं दूसरा चांद पर उतरेगा । चांद पर पहुंचने के बाद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चांद पर 14 दिन रहेंगे । यह दोनों कोई मानव नहीं बल्कि रोबोटिक यान हैं । इसी क्रम में असल में चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के पास चांद की कक्षा से चांद पर शोध करने के लिए 8 उपकरण रहेंगे। इनमें चांद का डिजिटल मॉडल तैयार करने के लिए टेरेन मैपिंग कैमरा-2 है ।
क्या क्या और कैसे कैसे होगा इस मिशन पर
बता दें कि चंद्रयान-2 मिशन के तहत चांद की सतह पर लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान उतरेंगे । लैंडर विक्रम का वजन 1,471 किलोग्राम है, जिसका नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर हुआ है । चांद पर उतरने के दौरान यह चांद के 1 दिन लगातार काम करेगा । चांद का 1 दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है । यह चांद के दो बड़े गड्ढों मैजिनस सी और सिंपेलियस एन के बीच उतरेगा ।
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लैंडर विक्रम के पास भी रहेंगे 4 उपकरण
लैंडर विक्रम के साथ तीन अहम उपकरण चांद पर शोध के लिए भेजे गए हैं । चांद पर होने वाली भूकंपीय गतिविधियों को मापने और उसपर शोध करने के लिए एक खास इंस्ट्रूमेंट लगाया गया है । इसके अलावा इसमें चांद पर बदलने वाले तापमान की बारीक जांच करने के लिए भी खास उपकरण है । इसमें तीसरा उपकरण है लैंगमूर प्रोब. यह चांद के वातावरण की ऊपरी परत और चांद की सतह पर शोध करेगा । विक्रम अपने चौथे उपकरण लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर के जरिये वहां मैपिंग और दूरी संबंधी शोध करेगा ।
6 टायरों वाला है प्रज्ञान रोवर
लैंडर विक्रम के साथ ही चांद की जमीन पर प्रज्ञान रोवर भी उतरेगा । प्रज्ञान रोवर एक तरह का रोबोटिक यान है , जो चांद की सतह पर चलकर वहां शोध करेगा । इसका वजन 27 किलोग्राम है । इसमें छह टायर लगे हैं जो चांद की उबड़खाबड़ सतह पर आराम से चलकर विभिन्न शोध कर सकेंगे । यह चांद की सतह पर 500 मीटर तक 1 सेंटीमीटर प्रति सेकंड कर रफ्तार से सफर कर सकता है ।
तो चलिए जानते हैं कि आखिर इस चंद्रयान 2 में मौजूद ये उपकरण किस किस तरह की जानकारी जुटाने का काम करेंगे ।
1- ये उपकरण चांद पर पानी की मौजूदगी का पता लगाने और वहां मौजूद मिनरल्स पर शोध के लिए इसमें इमेजिंग आईआर स्पेक्ट्रोमीटर है ।
2- चांद के ध्रुवों की मैपिंग करने और सतह व सतह के नीचे जमी बर्फ का पता लगाने के लिए इसमें डुअल फ्रीक्वेंसी सिंथेटिक अपर्चर रडार है ।
3. चांद की सतह पर मौजूद तत्वों की जांच के लिए इसमें चंद्रययान-2 लार्ज एरिया सॉफ्ट एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (क्लास) है ।
4- क्लास को सोलर एक्स-रे स्पेक्ट्रम इनपुट मुहैया कराने के लिए सोलर एक्स-रे मॉनीटर है।
5- चांद की ऊपरी सतह पर शोध के लिए इसमें चंद्र एटमॉसफेयरिक कंपोजिशन एक्सप्लोरर-2 है ।
6- ऑर्बिटर हाई रेजॉल्यूशन कैमरा के जरिये यह हाई रेस्टोपोग्राफी मैपिंग की जाएगी ।
7- चांद के वातावरण की निचली परत की जांच करने के लिए डुअल फ्रीक्वेंसी रेडियो उपकरण है।